एक कोशिश मिल बैठने की....

Sunday, March 14, 2021

वर्त्तमान परिदृश्य और मेरे विचार

2014 से पहले जब देश में पप्पू पार्टी का शासन था तो ऐसा नहीं था कि भारत में सोने की चिड़ियाँ उड़ा करती थीं,और सारे युवा नौकरियों में व्यस्त रहा करते थे।वही हाल अब भी है जब भाजपा की सरकार है,थोड़ा बहुत अन्तर है और हमेशा ही होता है।हालाँकि आज के समय में युवा नौकरियों से महरूम है और सत्ता इसमें कुछ भी कर पाने में विफल है।सरकार नौकरियों के विकल्प नहीं ढूँढ रही बल्कि नए नए प्रोजेक्ट बनाने में मशगूल है और ये सोच रही है कि इससे युवा रोजगार पा लेंगे लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर रोजगार की व्यवस्था के लिए चीन की तरफ देखना चाहिए,लगभग आप के साथ आज़ाद हुआ देश कहाँ से कहाँ पहुँच गया जो न केवल आपको आँखें दिखाता है बल्कि एक बार हराया भी है।चीन ने अपनी जनसँख्या को काम की तरफ लगा दिया,उत्पादन को राष्ट्रीय विकास का महत्वपूर्ण अंग बना डाला और आज 99% देश चीन से सामान खरीदने को विवश हैं लेकिन भारत आज भी केवल प्रोपोगंडा में फँसा हुआ है।

बहरहाल विकास की प्रक्रिया कभी नहीं रुकती और न ही रुक सकती है क्योंकि वो आवश्यकता के अनुसार हो जाती है चाहे नमो आएं या पप्पू आएं।लेकिन राजनैतिक पार्टियों के आईटी सेल की कृपा से आज भारतीय लोग बस मोदी और एन्टी मोदी के फेर में हैं और इससे देश का एक रत्ती भी भला नहीं होने वाला।

सोचने की बात है कि सारी मीडिया खरीदी हुई है।मीडिया का एक वर्ग मोदी की शिकायत में दिन रात एक किये हुए है तो दूसरा वर्ग मोदी का गुणगान करते नहीं थकता है।लेकिन कोई नहीं दिखता है जोकि निष्पक्ष रूप से अपनी बात रखे,या तो मोदी के पक्ष में रहेंगे या फिर विपक्ष में।

भारत में कोई भी काम हो रहा है उसके बारे मोदी ब्रिगेड चिल्ला-चिल्ला कर कहती है कि मोदी जी ने किया है,मोदी जी ने किया है।मीडिया का मोदी वाला वर्ग भी गले फाड़-फाड़ कर मोदी जी का गुणानुवाद करता है कि मोदी तो संत हैं,उनका कौन है जिनके लिए वो कुछ करेंगे वगैरह वगैरह बातें,कमाल की बात ये है कि मोदी का कितना बढ़िया नियंत्रण है कि लोग गलती से भी किसी बढ़िया काम का श्रेय किसी और को नहीं देते।सारा बढ़िया काम सिर्फ मोदी ही करवा रहे हैं,नीचे से ऊपर सबकुछ वही कर रहे हैं मजदूर से लेकर मैनेजर तक सब मोदी जी ही हैं और कोई नहीं।

अच्छा कैमरे का ऐंगल पहचानने में मोदी साहब का जवाब नहीं।आप देखें कि वो अपने और कैमरे के बीच खड़े मार्क जुकरबर्ग को भी साइड कर देते हैं।आजकल आप नमो की दाढ़ी देख लें कितनी चमक रही है?बहुत सम्भव है कि बंगाल चुनावों के बाद नमो जो ये गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की तरह दाढ़ी बढ़ाये घूम रहे हैं वो कट जाए।लेकिन इससे आप किसी को खराब व्यक्ति सिद्ध नहीं कर सकते,गोधराकांड में भी देखें पप्पू पार्टी और भाजपा विरोधी तमाम लोगों ने लगभग एकजुट होकर मोदी को फँसाने की बहुत कोशिश की लेकिन होइहैं सोइ जो राम रचि राखा और हरिकृपा से मोदी बच गए और आगे चलकर पप्पू और उसी की मीडिया को ऐसा मैनेज किया कि चुनाव जीत गए।

अच्छा हुआ-बुरा हुआ सब हुआ लेकिन सामान्य जनता तक सही चीज़ नहीं पहुँची,सामान्य जनता तक नौकरी नहीं पहुँची।अकेले मौनमोहन सरकार के कार्यकाल के दौरान 2012-2013 में जितनी वैकेंसियां निकलीं वो उसके बाद में निकली सभी वैकेंसियों से अधिक थीं।

मैंने अपनी बेटी को बताया है कि कोई विशेष अखबार और कोई विशेष न्यूज़ चैनल नहीं देखना है क्योंकि उसमें सत्ता के पक्ष में हो या विपक्ष में लेकिन परोसा सिर्फ झूठ ही जाएगा।इसलिए सारी खबरों की पड़ताल करो उसके बाद विश्वास करो।
वोट मोदी जी या पप्पू गाँधी को मत दो बल्कि निष्पक्ष आकलन करो कि किसको वोट दें नहीं समझ आये तो किसी लोकल व्यक्ति को अपना वोट देकर बरबाद कर दो,सबसे बुरी स्थिति में वोट नहीं देने का तो विकल्प है ही।

कुल मिलाकर स्थिति आसान नहीं है,यदि 2024 में भाजपा हारी तो आने वाले 20-25 साल तक सत्ता का सुख नहीं भोग सकेगी और जनता को एक रत्ती अफ़सोस नहीं होगा।वैसे मोदी और अमित शाह को मीडिया और पब्लिक मैनेजमेंट के सारे गुर पता हैं।अपना ट्रम्प कार्ड वो अंत में खेलते हैं तो हो सकता है कि 2024 चुनावों के ऐन पहले पाकिस्तान से युद्ध हो जाये और भारत विजयी हो और बहुत सम्भव इसका सीधा फल चुनावों पर पड़ेगा और फ़ल कुछ अलग नहीं होगा बल्कि सम्भवतः एक बार और सत्ता में आ जायेंगे।

डिस्क्लेमर:-मेरे द्वारा काँग्रेस को पप्पू पार्टी कहने पर कोई ये न समझे कि मैं भक्त हूँ हालाँकि कुछ दुश्मनों ने यही दुष्प्रचार किया हुआ है और मैं उनको तेल पिलाया हुआ लट्ठ लेकर ढूँढ भी रहा हूँ पर सारी मेहनत के बाद भी अभी कोई मिला नहीं है।खैर मैं काँग्रेस को पप्पू पार्टी इसलिए कहता हूँ कि ये वाहियात पार्टी मुझे सख़्त नापसन्द है और मुझे पब्लिकली अपनी नापसन्दगी का डिस्क्रिप्शन नहीं देना है तो कृपया मत पूछियेगा।