यादों का कोई मौसम हो
दोस्तों की जब महफ़िल हो
तन्हाई में भी एहसास नया हो
ख़्वाबों में भी उसका साथ हो
एक खूबसूरत झोंका ही सही
शायद मिलने की कोई बात हो
नये मौसमों का अब साथ हो
दिल को भी उसका इन्तिज़ार हो
चाहे जीत हो या अब हार हो
यादों और वादों का भी साथ हो
एक खूबसूरत झोंका ही सही
मुहब्बत को भी मुहब्बत की प्यास हो
ख़ता जो की है कोई सज़ा हो
इक़रार करने का भी अपना मज़ा हो
मिलेंगे हम जब उसकी भी दुआ हो
शरारत और शिक़ायत भी साथ हो
एक खूबसूरत झोंका ही सही
उसके दिल में मेरा ही एहसास हो
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