एक कोशिश मिल बैठने की....

Friday, July 6, 2007

कोई तो राज़ है सताने में

लुत्फ़ आता है ग़म उठाने में

क्या रक्खा है शराबखाने में

वक़्त लगता है कुछ बनाने में

देर लगती नहीं मिटाने में

याद करने की फ़ुरसतें न मिलीं

उम्र गुज़री तुझे भुलाने में

चाहते हैं कि रूठ जाओ तुम

के फ़िर मज़ा आयेगा मनाने में

मुझको बताओ या ना बताओ

कोई तो राज़ है सताने में

1 comment:

Madhu said...

हिन्दि मे खोज!
http://www.yanthram.com/hi/

हिन्दि खोज अपका सैटु के लिये!
http://hindiyanthram.blogspot.com/

हिन्दि खोज आपका गुगुल पहेला पेजि के लिये!
http://www.google.com/ig/adde?hl=en&moduleurl=http://hosting.gmodules.com/ig/gadgets/file/112207795736904815567/hindi-yanthram.xml&source=imag